Shayari

Love Shayari Friendship Shayari Two Line Shayari 2 हिंदी शायरी २

तेरी शेरो शायरी अबतो किताबो मैं अच्छी लगाती हैं ए ग़ालिब | क्योकि प्यार , दोस्ती मैं मरनेवाले कॉलेज मैं ही ख़त्म हो गए |

तेरी शेरो शायरी अबतो किताबो मैं अच्छी लगाती हैं ए ग़ालिब |
क्योकि प्यार , दोस्ती मैं मरनेवाले कॉलेज मैं ही ख़त्म हो गए |

                                               मेहुल जोषी “दोस्त” 


Love Shayari Friendship Shayari Two Line Shayari 2 हिंदी शायरी २


तब जब दोस्त थे…..

क्या बताये हाल ए दिल बरसो पुरानी दोस्तों की यादो मैं डूबना कितना अच्छा लगता हैं |
तब प्यार दोस्ती में  मरना कैसा लगता था |

वो यादो को मैं आपको बताऊ तो कुछ ऐसा लगता था……

वो दोस्तों के साथ बिताये पुराने पल |
वो दोस्तों के साथ बिताये वो कल |

हर चीज़ जो दोस्तों के साथ जुडी हुई हैं |
सायद अब वो चीज़े अब यहाँ कहीं नहीं हैं |

वो कॉलेज के दिन, वो मस्ती भरी यादे |
वो उभरते ख्वाब, वो जिंदादिल अहसास |

वो मजाक और वो मस्ती, मेरा हर दोस्त था एक हस्ती |
जहां हमारे दोस्त होते थे, वही पे हमारी बसती बस्ती |

मेरे हर दोस्तों की मचलती हुई जवानी थी |
सच कहु हर एक दोस्त की एक कहानी थी |

लड़ना-झगड़ना, रूठना-मनाना, हसना-हसाना |
सजाना-सवारना, मिलाना-बिछड़ना,बिगड़ना -बनाना |

जब दोस्तों का मिलना और जमावड़ा होता था |
लगता ऐसा था , जैसे हर रोज त्योहार होता था |

दिन को रात और रात को दिन कहेलेते थे |
जब दोस्त हमारे कंधे पे हाथ रख देते थे |

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और अब जब दोस्त नहीं….

ये सब पहले था अब तो सिर्फ खामोसिया हैं | हां, कोलाज के दिनों की वो बात ही कुछ और थी | कोई उसे भूलना नहीं चाहेगा, सच तो यही हैं | पर वो जो बीत गया वो कभी वापिस नहीं आता | आता हैं तो बस यादो का गुच्छा ही | अब वो पल कभी नहीं आनेवाले है | सायद वो दोस्त भी, जो कभी जान देने को तैयार थे |

अब कुछ नहीं हैं कुछ भी नहीं |

अब वो सुबह नहीं होती है |
अब वो मस्ती नहीं होती हैं |

अब वो दोस्तों का इंतज़ार नहीं होता |
अब वो रातो को जागना नहीं होता |

वो टूटना वो बिखरना, वो सजाना सवरना नहीं होता |
वो रूठना वो मानना, वो लड़ना झगड़ना नहीं होता |

अब वो फूल नहीं खिलते |अब वो दोस्त नहीं मिलते |
अब वो दोस्तों के जजबात,अब वो अहसास नहीं मिलते |

अब वो मचलती जवानी नहीं |
अब दोस्तों की कोई कहानी नहीं |

अब वो दोस्तों के जमावड़ा नहीं होते |
अब वो खुशियोंके त्यौहार नहीं होते |

अब दिन को रात और रात को दिन नहीं कहते |
अब कंधे पे वो पुराने दोस्तों के वो हाथ नहीं रहते |

सच कहता हु दोस्तों मौका मिले तब दोस्तों के साथ जिन्दगी जी लेना |क्युकी वो दोस्त वो पल जो एक बार जाते हैं वो वापिस नहीं आते | बस ग़ालिब के शेरो शायरी की तरह लगाती हैं बाद मैं ये जिंदगी, क्युकी जो लब्ज ग़ालिब ने लिखे हैं वो अब इस ज़माने में वो अहसास कभी नहीं मिलेंगे | वो शेरो सायरी वो लब्ज किताबो मे ही अच्छे लगते हैं |

           Teri Shero Shyayari Ab To Kitabo Main Acchi Lagati Hain a Galib,                            Kyoki Pyar, Dosti Main Marnewale Collage Main Hi Khatam Ho Gayae,

Mehul Joshi “Dost”

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Mehu Joshi

Mehul Joshi Is Owner of the MjDost.Com. He Like Find out Something new always in Life. He Also likes Travelling, Writing, Find Out The New Places, Share the Knowledge about something new Think. In Writing He Likes Poetry, Sayari, Gazals, Quotes, Stories, Writing Experience About Traveling, Blogging and Other Content Writing.

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